"मैं तुम्हे भूलने लगा हुँ शायद
हां बस कभी कभी एक आंसू का कतर
धीरे से मेरी आँखों से गिरता है
ओर यादो के सूखे पेड़ में पानी डालकर
जख्मो को फिर से जैसे हरा कर देता है
यू तो सब कुछ ठीक है ज़िन्दगी गुज़र रही है
तुम्ही तस्वीरों से भी अब बाते नही करता हू
मेरी दी वो पायल क्या तुम अब भी कभी
पहन कर ऑफिस चली जाया करती हो
हर साल तुम्हे जन्मदिन पर सबसे पहले
मेरा तुम्हे विश करना क्या याद है तुम्हे
कितना बड़ा दिन होता था वो मेरे लिए
ओर तुम्हे खुश देख कर ऐसा लगता था
कि दुनिया मे ओर कोई खुशी बची ही नहीं हो
और इस बार भी वही सब किया जो तुम्हारे
हर जन्मदिन में किया करता था
बस एक ही कमी थी और वो थी तुम
वही सब याद करकर आंखे भर सी आती है
मुघे नही पता के तुम क्यो नही हो मेरे साथ
क्या सारी परेशानी का हल बिछड़ जाना ही था
पर कुछ सवालों के जवाब होते ही नही शायद
अब मैं तुम्हे भूलने लगा हूँ शायद"
I may not be the first person to wish you
But im sour to be the last
So..